नयी दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी के दौरान चुनाव कराने को लेकर शुक्रवार को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी व्यापक दिशानिर्देशों के अनुसार ईवीएम का बटन दबाने के लिये मतदाताओं को दस्ताने दिये जाएंगे और पृथकवास केंद्रों में रह रहे कोविड-19 मरीजों को मतदान के दिन आखिरी घंटों में मतदान करने दिया जाएगा। संभावना है कि दस्ताने एकल इस्तेमाल वाले होंगे। निर्वाचन आयोग ने कहा कि “निषिद्ध क्षेत्र” के तौर पर अधिसूचित इलाकों में रह रहे मतदाताओं के लिये अलग दिशानिर्देश जारी किये जाएंगे। आयोग ने मतदान केंद्रों के अनिवार्य सेनिटाइजेशन की अनुशंसा की है। बेहतर होगा कि यह चुनाव से एक दिन पहले हो। आयोग ने कहा कि प्रत्येक मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनर रखे जाएंगे। निर्वाचनकर्मी या पराचिकित्सा कर्मी मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर मतदाताओं के तापमान की जांच करेंगे। दिशानिर्देश में कहा गया, “प्रत्येक मतदान पर 1500 मतदाताओं के बजाए अब अधिकतम 1000 मतदाता ही होंगे।” घर-घर जाकर प्रचार करने के लिये उम्मीदवार समेत पांच लोगों के समूह को ही इजाजत होगी। इस समूह में सुरक्षाकर्मियों शामिल नहीं होंगे। आयोग ने कहा कि रोड शो के लिये प्रत्येक पांच वाहनों के बाद काफिले को विराम दिया जाएगा पहले यह संख्या 10 वाहनों की थी (सुरक्षाकर्मियों के वाहनों को छोड़कर)। कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए जनसभा और रैलियां की जा सकती हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी को पहले ही जनसभाओं के लिये निर्दिष्ट मैदान की पहचान करनी चाहिए जहां प्रवेश और निकास स्थल स्पष्ट हों। ऐसे सभी तयशुदा मैदानों में जिला निर्वाचन अधिकारी को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन कराने के लिये पहले ही निशान लगवाने चाहिए जिसका सभा में शामिल होग पालन करें। आयोग ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी और जिले के पुलिस अधीक्षक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभा में शामिल लोगों की संख्या राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा ऐसी जनसभाओं के लिये तय लोगों की संख्या से ज्यादा न हो। बिहार पहला राज्य होगा जहां महामारी के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव अक्टूबर-नवंबर में किसी समय होंगे।