भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलना उनके करियर का टर्निंग पॉइंट रहा। क्योंकि इसी दौरान उन्होंने डेथ ओवर में गेंदबाजी के दबाव से निपटना सीखा। उन्होंने पूर्व विकेटकीपर दीप दास गुप्ता से ‘क्रिकेटबाजी’ शो में यह बात कही।
भुवनेश्वर ने आगे कहा कि उनमें हमेशा से यॉर्कर फेंकने की काबिलियत थी, लेकिन 2014 में सनराइजर्स टीम के साथ जुड़ने के बाद उन्होंने दबाव में यॉर्कर फेंकने के हुनर को और तराशा। इस गेंदबाज ने बताया कि सनराइजर्स में वे मुझसे पारी के शुरू और आखिर में बॉलिंग कराना चाहते थे। 2014 में मैंने 14 मैच खेले, इसी दौरान मैं दबाव झेलना सीखा और यही बात मेरे करियर में बड़ा बदलाव लेकर आई।
मैच के नतीजे के बारे में नहीं सोचता हूं: भुवनेश्वर
वनडे में 132 और टेस्ट में 63 विकेट लेने वाले इस तेज गेंदबाज ने कहा कि जब वह मैच के नतीजे के बारे में नहीं सोचते हैं, तो ज्यादातर मौकों पर सफल होते हैं। उन्होंने कहा,‘‘महेंद्र सिंह धोनी की तरह मैं खुद को नतीजे के बारे में सोचने से दूर रखने की कोशिश करता हूं और छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देता हूं। इससे बेहतर नतीजे हासिल करने में मदद मिलती है।’’
‘लॉकडाउन में खुद को मोटिवेट रखना काफी मुश्किल था’
कोरोना के कारण खेल से दूर रहने के दौरान वह खुद को कैसे मोटिवेट कर रहे हैं, इस बारे में बात करते हुए भुवनेश्वर ने कहा कि यह आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं लॉकडाउन के पहले 15 दिन काफी मोटिवेट था। कोई भी नहीं जानता था कि यह कितने दिन रहेगा और मेरे पास घर में भी एक्सरसाइज करने के लिए इक्विपमेंट नहीं थे।
‘लॉकडाउन में फिटनेस पर काम कर रहा’
भुवनेश्वर ने कहा कि हमने सोचा कि चीजें दो महीनों में बेहतर हो जाएंगी, लेकिन 15 दिन बाद मुझे खुद को मोटिवेट करने में मुश्किल आने लगी। फिर मैंने घर पर ही इक्विपमेंट मंगवाए। इसके बाद से चीजें थोड़ी सुधर गईं। मैं इस लॉकडाउन से खुद को और बेहतर करके वापस आना चाहता हूं। मैं अपनी फिटनेस पर काम कर रहा हूं।
भुवनेश्वर कुमार ने आईपीएल में खेले 117 मैच में 134 विकेट लिए हैं। उन्होंने पिछले सीजन में हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए 15 मैच में 13 विकेट हासिल किए थे।
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