अंकिता चतुर्वेदी, धनबाद से
झारखंड की कोयला राजधानी धनबाद के सुदूरवर्ती कुसमाटांड़ बांध की भाई-बहन की यह जोड़ी रातों-रात अचानक सुर्खियों में आ गयी थी. टिक टॉक पर उनका वीडियो देख लोग दीवाने हुए जा रहे थे. यह लोगों की पसंद ही थी, जो भाई-बहन का बनाया वीडियो देश-दुनिया में वायरल हो गया. जिस सादगी के साथ संगीत की धुन पर ये नाचना शुरू करते, लोगों के दिल की घंटियां बजने लगतीं. गाने की हर बीट पर उनका शरीर जिस तरह ता-थैया करता, वह देखते लायक होता. कभी टिक टॉक स्टार रहे सनातन कुमार महतो और सावित्री कुमारी आज बेहद निराश हैं. भारत सरकार ने चीनी एप्प टिक टॉक को बैन कर दिया, तो भाई-बहन की इस जोड़ी ने जो उम्मीदें व सपने पाल रखे थे, क्षण भर में बिखर कर रह गये. हालांकि सनातन और सावित्री सरकार के फैसले के साथ हैं. वह कहते हैं, “पहले देश है, फिर हम.”
अपनी कला के दम पर टिक-टॉक स्टार बनने वाले इस भाई-बहन को करीब 27 लाख लोग फॉलो कर रहे थे. इनके वीडियो पर अक्सर मिलियन व्यूज़ आते हैं. जब टीवी होस्ट मिनी माथुर ने जैसे ही उनका एक वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया, वह वायरल हो गया. मिनी माथुर ने इस वीडियो पोस्ट के साथ लिखा था, “हां, आज सुबह मुझे यही देखने की ज़रूरत थी. जो भी 2020 में पॉजिटिव रहने की कोशिश में है, उसे बहुत-बहुत प्यार.” सनातन और सावित्री की जोड़ी टिक टॉक बैन होने के बाद सोशल मीडिया के अन्य विकल्पों और देशी वीडियो एप्प पर गौर कर रहे हैं. दोनों ने यू ट्यूब पर अपना चैनल बना लिया है. सनातन और सावित्री कहते हैं, “टिक टॉक बैन होने से पहले ही हमने इस रास्ते पर चलने का फैसला ले लिया था.”
यूट्यूब चैनल पर भी उनके 2 लाख फ्लावर्स
टिक टॉक पर दोनों ने 3000 से अधिक वीडियो डाल रखे थे. इनके यू ट्यूब चैनल पर अब तक दो लाख फॉलोअर्स बन चुके हैं. भाई-बहन की उनकी गरीबी हर वीडियो की पृष्ठभूमि में दिखने वाले मिट्टी के खपड़ैलनुमा घर में दिख जायेगी. परिवार बेहद गरीब है. सनातन और सावित्री ने कहा, “हमलोगों ने सोच रखा था कि टिक टॉक और यू ट्यूब से कुछ कमाई हो जायेगी. उम्मीद बेमानी हो गयी. टिक टॉक बंद हो गया. अब यू ट्यूब चैनल ही सहारा बना है.” दोनों स्टार के वीडियोज में कोई तामझाम नहीं मिलेगा. इनके वीडियोज में गांव की गरीबी और असली भारत की झलक मिल जायेगी. सनातन व सावित्री कहते हैं, “फोकस बहुत समय तक नहीं टिकता है. जो वास्तविकता है, उसे संसार के सामने दर्शाने में हमें कोई हिचक नहीं.” भाई-बहन की इस जोड़ी ने बलियापुर प्रखंड मुख्यालय स्थित बीबीएम कॉलेज से पढ़ाई कर रखी है. इनके पिता दुखन महतो खेती-किसानी कर परिवार की आजीविका चलाते हैं. मां विशुद्ध गृहिणी हैं.