धनबाद के बाघमारा प्रखंड में खाद्य सुरक्षा अधिनियम में व्यापक धांधली
विकास अग्रवाल, धनबाद से
वह तारीख 21 अक्तूबर, 2017 थी. उस दिन झरिया थाना क्षेत्र के भालगढ़ा तारा बगान में 40 वर्षीय रिक्शा चालक बैद्यनाथ दास की मौत हो गयी. बैद्यनाथ के घर में अनाज का एक दाना तक नहीं था. भोजन नहीं मिलने के कारण वह बीमार पड़ गया और अंतत: उसकी मौत हो गयी. यह मौत झारखंड की राजनीति में गर्माहट लाने वाली थी. तत्कालीन रघुवर दास की सरकार को विपक्षी दलों ने घेरना शुरू किया. जब शासन-प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया जाने लगा तो बात जांच तक पहुंची. पता चला कि बैद्यनाथ तीन सालों से राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा था. ऑनलाइन आवेदन भी किया, लेकिन वह स्वीकृत नहीं हुआ. तब कहा गया कि बैद्यनाथ के बड़े भाई जागो दास के नाम पर बीपीएल कार्ड था. उस वक्त पूरा परिवार साथ रहता था, लेकिन चार साल पहले जागो दास की मौत के बाद परिवार का नाम बीपीएल सूची से काट दिया गया था. इस सूची में नाम जुड़वाने के लिए बैद्यनाथ सीओ कार्यालय झरिया, धनबाद व पार्षद का चक्कर लगाते रहा. बैद्यानाथ दास का यह मामला खाद्य सुरक्षा अधिनियम का मखौल उड़ाने वाला था. धनबाद जिले में 25 सितंबर, 2015 से यह अधिनियम लागू हो चुकी थी. मौत यह बताने के लिए काफी थी कि वाजिब जरूरतमंद अब भी बेसहारा है और उनकी जगह गैरवाजिब मलाई चाभ रहे हैं. यह कहीं न कहीं हमारे फेल्योर सिस्टम का सच भी उजागर करने वाला था. समय-समय पर यह बात उजागर होती रही है कि पक्के मकान और गाड़ी वाले भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम यानी बीपीएल वालों को मिलने वाली सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. मामले की जांच शुरू होकर ठंडे बस्ते में कैद हो जाती है.
बाघमारा प्रखंड में हाल में ऐसा ही मामला सामने आया. जब प्रशासन ने जांच शुरू करायी तो चौंकाने वाली जानकारी मिली. जिन लोगों के पास दो मंजिला मकान, हाइवा और कार थी, उनका नाम भी अधिनियम की सूची में था. प्रखंड विकास अधिकारी सह आपूर्ति पदाधिकारी रिंकू कुमारी कही हैं, ‘खाद्य सुरक्षा अधिनियम के 684 लाल कार्ड धारियों का नाम योजना से हटाने के लिए जिला मुख्यालय को लिखा गया है. ऐसे और भी लोग चिह्नित किये जा रहे हैं.’ ऐसे गैरवाजिब लोगों पर एफआइआर भी होगी, इस सवाल का जवाब उनके पास नहीं है. जानकार बताते हैं कि गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर उपायुक्त ने कठोर कदम उठाने के निर्देश बीडीओ को दिये थे. शिथिलता बरते जाने पर उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया. ये 684 लाल कार्डधारी प्रखंड की 61 पंचायतों की 193 जनवितरण प्रणाली की दुकानों से संबद्ध थे. प्रशासन ने सभी पीडीएस दुकानों के लाभुकों का भौतिक सत्यापन कराया है. लाल कार्ड से ऐसे लोगों को वंचित किया गया है, जो या तो छह माह से इस योजना का लाभ नहीं ले रहे थे या डुप्लीकेट राशन कार्ड का इस्तेमाल कर रहे थे. खाद्य सुरक्षा अधिनियम में गलत ढंग से नाम रजिस्टर कराने वालों में राजू कुमार शर्मा भी शामिल है. राजू की पत्नी संगीता देवी के नाम पर पीएचएच कार्ड बना है. राजू वही व्यक्ति है, जिसका नाम पिछले दिनों हाइवा से चोरी का कोयला ढोने में आया था. वासुदेवपुर कोलियरी से चोरी किया तीन हाइवा कोयला सिजुआ जीएम ने पकड़ा था. इनमें से एक हाइवा राजू शर्मा का है. जानकार बताते हैं कि ऐसे अनगिनत ‘राजू’ हैं, जो खाद्य सुरक्षा अधिनियिम का लाभ उठा रहे हैं. खाद्य आपूर्ति विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार सिंह ने राजकुमार शर्मा उर्फ राजू शर्मा मामले में जांच के आदेश दिये हैं.
ये नहीं ले सकते लाभ :
- परिवार का कोई भी सदस्य, जो सरकारी सेवा में नियोजित हो
- परिवार का कोई सदस्य आयकर या सेवा कर या व्यावसायिक कर देता है
- परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक सिंचित भूमि अथवा 10 एकड़ से अधिक भूमि है
- परिवार के किसी सदस्य के नाम से चारपहिया वाहन है
- परिवार का कोई सदस्य सरकार द्वारा पंजीकृत उद्यम का स्वामी या संचालक है
- परिवार के पास रेफ्रिजेटर, एयरकंडीशनर, वाशिंग मशीन है
- परिवार के पास कमरों में पक्की दीवारें तथा छत के साथ तीन या इससे अधिक कमरों का मकान है
- परिवार के पास मशीन चालित चारपहिया वाला कृषि उपकरण (ट्रैक्टर आदि) है
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केस स्टडी : एक
खानूडीह पंचायत की घोराठी निवासी संगीता देवी के नाम पर पीएचएच कार्ड संख्या- 202007103759 है. संगीता राजू शर्मा की पत्नी है. राजू हाइवा से कोयला चोरी करने के मामले में आरोपित है. इसके नाम पर कार जेएच 10बीजी 2700 है. वहीं कोयला लदा हाइवा संख्या- जेएच 09एएम 4452 है. घोराठी बस्ती में इसका दोमंजिला मकान है.
केस स्टडी : दो
घोराठी बस्ती के रहनेवाले पिंटू शर्मा का पीएचएच कार्ड संख्या- 202005120495 है. इस व्यक्ति के पास भी दोमंजिला मकान है. साथ ही, अपनी बाइक भी है. निचितपुर दो पंचायत के पीडीएस डीलर के यहां से राशन उठाता है.
केस स्टडी : तीन
बाघमारा बाजार निवासी संजय बुक स्टॉल का मालिक संजय कुमार केसरी है. इनका पीएचएच कार्ड संख्या-202001726751 है. ये प्रतिमाह राशन उठा रहे हैं. इनके पास भी पक्का मकान, स्कूटी और बाइक है.
केस स्टडी : चार
डुमरा में भारत फेब्रिकेट के मालिक एवं बाघमारा निवासी सुरेश साव भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. उनका पक्का मकान है. चारपहिया व दोपहिया वाहन है. इनके नाम पर भी पीएचएच कार्ड संख्या- 202006924803 है.
केस स्टडी : पांच
बाघमारा के बंगालीपाड़ा निवासी सरोज सिंह. ये भी कई वाहनों के मालिक हैं. एकमंजिला पक्का मकान है. इनका पीएचएच कार्ड संख्या- 202001726127 है. कार्ड पर पांच लोगों के नाम से राशन का नियमित उठाव हो रहा है.