नयी दिल्ली.
केंद्र सरकार द्वारा कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण के बृहस्पतिवार को घोषित नतीजों में इंदौर को लगातार चौथे साल भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। सर्वेक्षण में इस बार दूसरा स्थान सूरत और तीसरा स्थान नवी मुंबई को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को ‘गंगा किनारे बसा सबसे अच्छा शहर’ घोषित किया गया है। इस सूची में वाराणसी के बाद कानपुर, मुंगेर, प्रयागराज और हरिद्वार हैं। सौ से अधिक शहरी निकाय संस्था वाले राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ को ‘सर्वाधिक स्वच्छ राज्य’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को स्थान मिला है। सर्वेक्षण के मुताबिक 10 लाख से ज्यादा आबादी वाली शीर्ष दस शहर- इंदौर, सूरत, नवी मुंबई, विडयवाड़ा, अहमदाबाद, राजकोट, भोपाल, चंडीगढ़, जीवीएमएस विशाखापत्तनम और वडोदरा हैं। इनके अलावा लखनऊ को 12वां, गाजियाबाद को 19वां, प्रयागराज को 20वां, धनबाद को 33वां और फरीदाबाद को 38वां स्थान मिला है। 47 शहरों में पटना सबसे निचले पायदान पर है जबकि चेन्नई को 45वां स्थान मिला है। मेरठ इस सूची में 41वें स्थान पर है और उसके बाद उत्तरी दिल्ली व कोटा हैं। देश के पांचवें वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2020 की घोषणा केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक समारोह में की जहां विभिन्न श्रेणी में 129 पुरस्कार दिए गए। यह सर्वेक्षण इस साल जनवरी में हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्ष पर आने वाले शहरों को बधाई देते हुए अन्य को और प्रयास करने के लिये प्रोत्साहित किया। उन्होंने ट्वीट किया, “स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में शीर्ष स्थान सुरक्षित करने वाले सभी शहरों को बधाई। अन्य शहर में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिये अपने प्रयासों को तेज करने के लिये उनसे प्रेरित हों। प्रतिस्पर्धा की ऐसी भावना से स्वच्छता मिशन को मजबूती मिलती है और लाखों लोगों का फायदा होता है।” स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के परिणाम घोषित होने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया कि यह इन्दौर के लोग थे जिन्होंने इस उपलब्धि को संभव बनाया। लागातार चार बार देश का सबसे साफ शहर। संपन्न और स्वच्छ मध्यप्रदेश के सपने को पूरा करने के लिये हम एक साथ आगे बढ़ेंगे। चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘ इंदौर ने बढ़ाया देश व प्रदेश का मान। चौथी बार मिला सबसे स्वच्छ शहर का सम्मान। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में मध्यप्रदेश के इंदौर को चौथी बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मिला। इंदौर ने देश के 4242 शहरों को पीछे छोड़कर इतिहास रचा है।” सर्वेक्षण में नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को “भारत की सबसे स्वच्छ राष्ट्रीय राजधानी (राष्ट्रीय या राज्य की राजधानी/ संघ शासित प्रदेश)” बताया गया है। सरकार के अनुसार कुल 4,242 शहरों, 62 छावनी बोर्ड और गंगा किनारे बसे 97 शहरों का सर्वेक्षण किया गया और इसमें 1.87 नागरिकों ने भाग लिया। एक से दस लाख की जनसंख्या वाली श्रेणी में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर को सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। इस श्रेणी में अंबिकापुर के बाद कर्नाटक का मैसूरु और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को स्थान मिला है। इस श्रेणी में नोएडा को 25वां और रोहतक को 35वां स्थान मिला। जालंधर छावनी बोर्ड को पहला, दिल्ली छावनी बोर्ड को दूसरा और मेरठ छावनी बोर्ड को तीसरा स्थान मिला है। सौ से कम स्थानीय संस्था वाले राज्यों की श्रेणी में झारखंड को सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया है। इस श्रेणी में झारखंड के बाद हरियाणा, उत्तराखंड, सिक्किम, असम और हिमाचल प्रदेश को स्थान मिला है। एक लाख से अधिक की जनसंख्या वाले सर्वाधिक स्वच्छ शहर की श्रेणी में इंदौर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है और इसके बाद सूरत, नवी मुंबई, विजयवाड़ा और अहमदाबाद का स्थान है। एक लाख से कम की जनसंख्या वाले शहर की श्रेणी में महाराष्ट्र के कराड को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इस श्रेणी में सासवड और लोनावला को द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। सर्वेक्षण के परिणाम घोषित करने के बाद पुरी ने कहा, “स्वच्छ सर्वेक्षण से हमें स्वच्छ भारत अभियान- शहरी के तहत मिलने वाले लाभ बरकरार रखने में सहायता मिलेगी। इससे हमें सभी शहरों में पूर्ण स्वच्छता के सिद्धांत को संस्थागत स्वरूप देने के लिए कार्ययोजना बनाने में भी सहायता मिलेगी।” पुरी ने ट्वीट किया, “प्राचीन शहर वाराणसी सही मायने में गंगा किनारे बसे शहरों में सबसे स्वच्छ है। इस लोकसभा सीट से प्रतिनिधि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को हार्दिक शुभकामनाएं। उनके नेतृत्व से इस शहर के लोगों को यह उपलब्धि हासिल करने की प्रेरणा मिली।”

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