विनय तिवारी
खोरठा गीतकार
झारखंड के माटी दादा, पूजे के समान रे
झारखंड राइज हामर देसेक सान रे
देसेक सान… ऐ दादा… देसेक सान रे
देसेक सान ऐ बहिन देसेक सान रे.
पहार परबत नदी नालायं, बोहइ हियां झरना
कन-कन में खनिज भोरल, माटिक तरे सोना
रे माटिक तरे सोना…
देस बिदेसें हामर…
देस बिदेसे हामर झारखंड के नाम रे
झारखंड के माटी दादा, पूजे के समान रे.
कोयल कुहके मेंजुर नाचे, हियांक बोन झारें
नाना रकम फूल फुटय, डहरें डहरें
रे डहरें डहरें…
गावँ घार अँगना हियां…
गावँ घार अँगना हियां लागे सोहान रे
झारखंड के माटी दादा, पुजे के समान रे.
केते केते सहीद भेला, हियांक बेटा-बेटी
सहीदेकर रकते भींजल झारखंडेक माटी
रे झारखंडेक माटी…
झारखंडेक मान नॉय…
झारखंडेक मान नॉय करिहा अपमान रे
झारखंडेक माटी दादा पुजे के समान रे.
हाँथ जोइड कहइ दादा, विनय तिवारी
झारखंडेक माटी के महिमा बड़ी भारी
रे महिमा बड़ी भारी
झारखंड के माटी हामर
झारखंड के माटी हामर मायें के समान रे
झारखंड के माटी दादा, पूजे के समान रे.
- लेखक धनबाद के ताेपचांची प्रखंड के
रोआम के रहनेवाले हैं. इनसे मोबाइल
नंबर 9334345097 पर संपर्क किया
जा सकता है.