महाचंद्र प्रसाद सिंह बने अध्यक्ष, चुनावी रणनीति का हिस्सा
पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए सवर्ण आयोग (Upper Caste Commission) के गठन की घोषणा कर दी है। लंबे समय से चली आ रही इस मांग को मंजूरी मिलने के बाद महाचंद्र प्रसाद सिंह को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। माना जा रहा है कि यह कदम राज्य में सवर्ण समाज की नाराजगी को दूर करने और आगामी चुनाव में उनका समर्थन हासिल करने की रणनीति का हिस्सा है।
👉 महाचंद्र प्रसाद सिंह का राजनीतिक सफर
तिरहुत क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले महाचंद्र प्रसाद सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद रह चुके हैं। वर्तमान में वे भाजपा संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। अब उन्हें सवर्ण आयोग का अध्यक्ष बनाकर सामाजिक और राजनीतिक समीकरण को साधने की कोशिश की गई है।
👉 आयोग में अन्य सदस्यों की नियुक्ति
सवर्ण आयोग में राजीव रंजन प्रसाद को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। साथ ही दरभंगा से दयानंद राय, समस्तीपुर से जय कृष्ण झा और भागलपुर से राजकुमार सिंह को सदस्य बनाया गया है।
👉 ‘गरीब सवर्णों की आवाज बनेगा आयोग’
महाचंद्र प्रसाद सिंह ने अपनी नियुक्ति पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा:
“यह दायित्व मेरे लिए व्यक्तिगत सम्मान ही नहीं, बल्कि उन लाखों गरीब और पिछड़े सवर्ण परिवारों की आकांक्षाओं की स्वीकृति है, जो वर्षों से अपनी समस्याओं को लेकर संघर्षरत हैं। आयोग समाज की सेवा का माध्यम बनेगा और ठोस कार्रवाई के लिए सरकार के साथ समन्वय करेगा।”
👉 चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा
विशेषज्ञों के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सवर्ण आयोग का गठन सीधे तौर पर सवर्ण मतदाताओं को साधने की रणनीति है। यह फैसला राज्य में राजनीतिक संतुलन साधने और सवर्ण समाज की नाराजगी को दूर करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।