केंद्र सरकार ने देशभर में 35 निश्चित खुराक संयोजन (FDC) दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया है। यह कदम केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
CDSCO के अनुसार, इन दवाओं को सुरक्षा और प्रभावशीलता की वैज्ञानिक समीक्षा के बिना ही लाइसेंस जारी कर दिए गए थे, जो दवा कानूनों का उल्लंघन है और इससे गंभीर स्वास्थ्य खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।
इन प्रतिबंधित दवाओं में पेन किलर, न्यूट्रिशन सप्लीमेंट्स और डायबिटीज कंट्रोल करने वाली दवाएं शामिल हैं। नियामक संस्था ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर को इन दवाओं का निर्माण और बिक्री रोकने का निर्देश दिया है।
क्या हैं एफडीसी दवाएं?
एफडीसी यानी ‘Fixed Dose Combination’ दवाएं वे होती हैं जिनमें दो या अधिक दवाओं को एक निश्चित अनुपात में मिलाकर एक ही गोली या कैप्सूल में दिया जाता है। इनका उद्देश्य इलाज को सरल बनाना होता है, लेकिन बिना वैज्ञानिक समीक्षा के इन्हें देना खतरनाक साबित हो सकता है।
क्यों पड़ी यह ज़रूरत?
CDSCO ने पाया कि कई राज्यों ने ऐसे एफडीसी दवाओं को बिना DCGI (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) की स्वीकृति के ही लाइसेंस दे दिए थे। इससे मरीजों की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं क्योंकि इससे दवा प्रतिक्रिया, ड्रग इंटरैक्शन और अन्य स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।
ड्रग निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया है, लेकिन कई कंपनियों ने अपने बचाव में कहा कि उन्हें लाइसेंस संबंधित राज्य प्राधिकरणों ने दिए थे।
हालांकि, इन 35 प्रतिबंधित दवाओं की पूरी सूची आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं की गई है। पिछले वर्षों में प्रतिबंधित कुछ FDC दवाओं के उदाहरणों से अनुमान लगाया जा सकता है कि इनमें आमतौर पर उपयोग की जाने वाली दवाएं शामिल हो सकती हैं।