नयी दिल्ली. वैश्विक महामारी (कोविड-19) की वजह से किया गया लॉकडाउन देश की दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों वोडा-आइडिया और एयरटेल पर बहुत भारी पड़ा है. मार्च-अप्रैल के दौरान रिलायंस जियो ही एकमात्र मोबाइल प्रदाता कंपनी रही, जिसके साथ नये ग्राहक जुड़े, जबकि एयरटेल और वोडा-आइडिया के करीब पौने दो करोड़ ग्राहकों ने उनकी सेवाएं छोड़ दीं. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के मार्च-अप्रैल के आंकड़ों के आधार पर रिलायंस जियो ने इस दौरान लगभग 63 लाख ग्राहक और जोड़कर अपनी नंबर एक की स्थिति को और मजबूत कर दोनों कंपनियों को काफी पीछे धकेल दिया है. लॉकडाउन का असर अप्रैल में सरकारी कंपनी बीएसएनएल भी नहीं झेल पायी और उसके 20,053 ग्राहक कम हुए. हालांकि कंपनी के साथ मार्च में 95,428 ग्राहक जुड़े थे.
लॉकडाउन का सबसे तगड़ा झटका वोडा-आइडिया को लगा है. दो माह के दौरान कंपनी के एक करोड़ आठ लाख 70 हजार से अधिक ग्राहकों ने सेवा छोड़ दी. समान अवधि में एयरटेल के 65 लाख 31 हजार से अधिक उपभोक्ता टूट गये. ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन दूरसंचार उद्योग पर भारी गुजरा. कुल मिलाकर मार्च-अप्रैल में एक करोड़ 10 लाख से अधिक ग्राहक घटे. इसका मतलब देश में मोबाइल सिम इस्तेमाल करने वालों की संख्या में कमी दर्ज की गयी है. जहां इस वर्ष फरवरी के अंत में 116 करोड़ पांच लाख के करीब ग्राहक मोबाइल वायरलेस सर्विस का इस्तेमाल कर रहे थे, वहीं अप्रैल अंत में इनकी संख्या घटकर 114 करोड़ 95 लाख के करीब रह गयी. आक्रामक नीति बनाकर अपने प्रतिद्वंद्वी को पीछे छोड़ने में माहिर मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं आम बैठक में अगले तीन साल में जियो के ग्राहक पचास करोड़ रखा है. उनकी नजर 35 करोड 2जी ग्राहक में से अधिक से अधिक अपने साथ जोड़ने की है और इसी रणनीति पर आगे बढ़ने के लिए वह 4जी और आने वाली 5जी सेवा के लिए सस्ते स्मार्टफोन फोन बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए गूगल समेत विश्व की कई अन्य जानी-मानी कंपनियों को जियो प्लेटफॉर्म्स के मंच पर एक साथ ले आये हैं.

By RK

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