नयी दिल्ली
वैश्विक महामारी कोरोना संकट से जूझ रही दुनिया के लिए यह आश्चर्यजनक तथ्य हाे सकता है. दरअसल, द नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों ने इस बात की भविष्यवाणी की है कि इस साल के उत्तरार्ध में दो नवंबर को पृथ्वी की ओर बढ़ रहा एक छोटा क्षुद्रग्रह इससे टकरा सकता है. इसके अगले ही दिन तीन नवंबर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होना है. नासा के आंकड़ों के मुताबिक, इस आकाशीय पिंड के पृथ्वी से टकराने की संभावना 0.41 प्रतिशत है. द न्यू यार्क टाइम्स के अनुसार, नासा और जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री का कहना है कि केवल एक चीज अमेरिका चुनावों की पूर्व संध्या के बारे में हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है. तीन नवंबर को एक दुष्ट क्षुद्रग्रह द्वारा बिटप्न इंटरप्लेनेटरी बिट्स को ब्लास्ट किया जा रहा है.
एसयूवी के आकार के क्षुद्रग्रह की खोज आइआइटी मुंबई के दो स्टूडेंट्स ने की थी. इसमें ताइवान के एक छात्र की भी भूमिका है. धातुकर्म और सामग्री विज्ञान विभाग के छात्र कुणाल देशमुख और कृति शर्मा ऐस्टोराइड खोजने के एक रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. तीनों ने कैलिफोर्निया के रोबोटिक Zwicky Transient Facility (ZTF) के डेटा का उपयोग कर कुछ ही घंटे में इस आकाशीय पिंड की खोज की थी.
2018VP1 दिया गया है क्षुद्रग्रह का नाम
नासा के वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि 0.002 किलोमीटर (लगभग 7 फीट) व्यास वाला क्षुद्रग्रह ‘2018VP1’ अमेरिकी चुनाव 2020 से एक दिन पहले पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा. इस क्षुद्रग्रह की पहली बार 2018 में कैलिफोर्निया की पालोमर वेधशाला में पहचान की गयी थी. नासा का कहना है कि इस क्षुद्रग्रह के टकराने को लेकर तीन संभावित प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने 21 अवलोकनों के आधार पर 12.968 दिन का जो अंतराल तय किया है, उसके मुताबिक इस क्षुद्रग्रह के टकराने का गहरा असर नहीं होगा. इससे पहले पिछले सप्ताहांत पर ही एक कार जितने आकार का क्षुद्रग्रह पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरा है. चौंकाने वाली और चिंताजनक बात यह थी कि इसके गुजर जाने के बाद वैज्ञानिकों को इसके बारे में पता चला. नासा ने कहा कि यह क्षुद्रग्रह 16 अगस्त यानी रविवार को 12.08 बजे ईडीटी (रात 9.38 बजे भारत समय) दक्षिणी हिंद महासागर से 2,950 किलोमीटर ऊपर से गुजरा था. याद रहे कि बड़ी संख्या में नीयर अर्थ क्षुद्रग्रह पृथ्वी से एक सुरक्षित दूरी से गुजरते रहते हैं. आमतौर पर इनकी दूरी पृथ्वी से चंद्रमा के बीच की दूरी से भी अधिक होती है, लेकिन इस रिकॉर्ड-सेटिंग स्पेस रॉक, क्षुद्रग्रह 2020 QG की पहली तस्वीर नासा द्वारा फंडेड एक फैसिलिटी द्वारा निकटतम बिंदु से गुजरने के छह घंटे बाद तब ली गयी, जब यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से दूर जा रहा था.