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आज सुबह से भारत के करोड़ों यूजर्स को उस समय बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा, जब अचानक Paytm, PhonePe और Google Pay जैसे बड़े डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स पर UPI लेनदेन बंद हो गए। ऑफिस जाने वालों से लेकर दुकानदारों तक—हर कोई इस तकनीकी गड़बड़ी का शिकार बन गया।

क्या हुआ अचानक?

सुबह करीब 10 बजे से सोशल मीडिया और यूजर फोरम्स पर शिकायतों की बाढ़ आ गई। लोगों का कहना था कि वो पेमेंट ट्रांसफर नहीं कर पा रहे, QR कोड स्कैन करने पर “पेंडिंग” दिखा रहा है या “फेल्ड ट्रांजैक्शन” का मैसेज आ रहा है। कई दुकानदारों की सेल रुक गई, क्योंकि कैश नहीं था और ग्राहक ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पा रहे थे।

तकनीकी गड़बड़ी या नीति में बदलाव?

इस पूरे घटनाक्रम पर विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ तकनीकी समस्या नहीं हो सकती। पिछले कुछ हफ्तों में NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने कुछ सख्त कदम उठाए हैं, जिनका असर अब दिखना शुरू हो गया है:

निष्क्रिय UPI ID का हटाया जाना: अगर आपने एक साल से अपनी UPI ID से कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया है, तो उसे सिस्टम से हटाया जा रहा है।

90 दिन तक उपयोग न होने वाले मोबाइल नंबर का डीलिंकिंग: यानी अगर आपने 3 महीने तक अपने नंबर से बैंकिंग नहीं की, तो वो नंबर आपके बैंक खाते से अपने आप हट सकता है।

ये दोनों नियम साइबर धोखाधड़ी से बचाने के लिए लाए गए हैं, लेकिन इनका असर आम यूजर्स पर आज साफ़ तौर पर दिखाई दिया।

Paytm की अलग मुसीबत

Paytm पहले से ही RBI के दबाव में है क्योंकि उसके बैंकिंग लाइसेंस पर रोक लगाई जा चुकी है। अब वो दूसरे बैंकिंग पार्टनर की तलाश में है ताकि उसकी UPI सेवाएं जारी रह सकें। इसलिए Paytm यूजर्स को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।

यूजर्स क्या करें?

अगर आपकी UPI सेवा बंद हो गई है, तो सबसे पहले अपने बैंक ऐप में जाकर नंबर और KYC डिटेल्स चेक करें।

हो सके तो दूसरा UPI ऐप जैसे BHIM, Amazon Pay या आपके बैंक का खुद का UPI इस्तेमाल करें।

QR स्कैन करते वक्त थोड़ा इंतज़ार करें, दोबारा स्कैन न करें जब तक पिछला ट्रांजैक्शन क्लियर न हो।

निष्कर्ष

भारत का डिजिटल इकोसिस्टम तेज़ी से बढ़ा है, लेकिन आज की घटना ने ये दिखा दिया कि टेक्नोलॉजी पर पूरी निर्भरता कभी-कभी परेशानी का कारण बन सकती है। जरूरी है कि सिस्टम को और मजबूत बनाया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की रुकावटें न आएं।


By S GUPTA

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