राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री उपेंद्र कुशवाहा ने समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गांवों का समुचित विकास ही एक समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की नींव है। जब तक देश का अंतिम व्यक्ति, विशेषकर गांवों में रहने वाला नागरिक, विकास की मुख्यधारा से नहीं जुड़ता, तब तक संपूर्ण राष्ट्र का समग्र विकास संभव नहीं है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसकी आत्मा गांवों में बसती है। पंचायती राज व्यवस्था, जिसे महात्मा गांधी का सपना कहा जाता है, आज हमारे लोकतंत्र की मजबूत जड़ बन चुकी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ग्राम पंचायतें सिर्फ स्थानीय शासन की इकाइयां नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जमीनी पाठशालाएं हैं, जहाँ से जनभागीदारी की सच्ची शुरुआत होती है।
शक्ति का विकेंद्रीकरण ही सशक्त भारत का आधार
उपेंद्र कुशवाहा ने जोर देते हुए कहा कि जब निर्णय लेने की शक्ति गांव तक पहुंचेगी, तब ही सच्चे लोकतंत्र की स्थापना होगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, सड़कों और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं गांवों तक पहुंचें, इसके लिए पंचायती राज संस्थाओं को और सशक्त बनाना होगा।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा की प्राथमिकता – गांव केंद्रित विकास
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा की प्राथमिकताओं में गांवों का बहुआयामी विकास सबसे ऊपर है। हमारी पार्टी का मानना है कि सशक्त पंचायत, सशक्त गांव और सशक्त भारत का रास्ता है।
अंत में उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे पंचायती राज संस्थाओं को और जागरूक व उत्तरदायी बनाने में अपना योगदान दें, ताकि लोकतंत्र की जड़ें और भी गहरी हो सकें।
