पटना। रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने लोकसभा चुनावों में एनडीए को हुए नुकसान के पीछे कुछ भाजपा नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा के कुछ नेताओं ने पार्टी नेतृत्व की बात नहीं मानी और विपक्ष के साथ मिलकर काम किया, जिसके कारण एनडीए को छह सीटों पर हार का सामना करना पड़ा।
उपेंद्र कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि यदि आगामी विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही हुआ, तो इसका भारी नुकसान एनडीए को उठाना पड़ेगा। उन्होंने मांग की कि इस बार ऐसे नेताओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाया जाए और पार्टी में अनुशासन सुनिश्चित किया जाए।
वल्मीकिनगर में रालोसपा के मंथन शिविर के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमें हैरानी है कि पीएम, गृहमंत्री और पार्टी अध्यक्ष की बात नहीं मानने वाले लोग भी भाजपा में वरिष्ठ पदों पर हैं।” उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को पार्टी से अलग किया जाए, वरना विपक्ष को एक बार फिर फायदा मिल सकता है।
इसके साथ ही उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार से मांग की कि राज्य की नौकरियों में डोमिसाइल नीति लागू की जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रों को 10 लाख रुपये तक का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिले और जनसंख्या के आधार पर चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन किया जाए।
रालोसपा ने ‘संविधानिक अधिकार, परिसीमन सुधार’ अभियान चलायमान की घोषणा की है, जिसकी शुरुआत 25 मई को रोहतास से होगी और 8 जून को मुजफ्फरपुर में इसका आयोजन होगा।
