उत्तर दिनाजपुर (पश्चिम बंगाल):
पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में सोमवार को एक बड़ा हादसा टल गया जब गैसल रेलवे स्टेशन के पास एक DMU पैसेंजर ट्रेन के इंजन में अचानक आग लग गई। यह ट्रेन सिलीगुड़ी से मालदा की ओर जा रही थी। आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही पलों में इंजन धधकता हुआ आग के गोले में तब्दील हो गया।

घटना के समय ट्रेन स्टेशन के पास ही रुकी हुई थी और यात्री सवार थे। आग की सूचना मिलते ही चालक और गार्ड ने त्वरित सूझबूझ दिखाते हुए ट्रेन को रोक दिया और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

आरपीएफ इंस्पेक्टर एच.के. शर्मा ने बताया,
“ट्रेन सवारियों को उतारने के लिए रुकी हुई थी। कोई बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन ड्राइवर और गार्ड की तत्परता ने स्थिति को काबू में ले लिया।”

शर्मा ने यह भी कहा कि हादसे में किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ है। रेलवे द्वारा यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

आग लगने के कारणों की जांच शुरू
इंजन में आग कैसे लगी, इसका स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया है। आरपीएफ ने यह जिम्मेदारी रेलवे के तकनीकी विभाग पर छोड़ी है और जांच जारी है।

अन्य ट्रेनों को रोका गया
एहतियात के तौर पर राजधानी सहित अन्य ट्रेनों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था, ताकि किसी दूसरी ट्रेन को कोई खतरा न हो। रूट क्लीयर होने के बाद अब ट्रेनों की आवाजाही बहाल कर दी गई है।

रेल प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरी घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात दोहराई है।

निष्कर्ष:
सिलिगुड़ी-मालदा रेलमार्ग पर यह हादसा एक बड़ा सबक है कि तकनीकी गड़बड़ी कभी भी बड़ी दुर्घटना में बदल सकती है, लेकिन कर्मचारियों की सतर्कता और समय पर निर्णय ने सैकड़ों जिंदगियों को बचा लिया।

By S GUPTA

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