काठमांडू/जकार्ता/दुशांबे – बीती रात भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भूकंप के तेज झटकों से हड़कंप मच गया। शुक्रवार तड़के करीब 1:30 बजे लोगों ने जबरदस्त झटके महसूस किए, जिसके चलते दहशत में कई लोग घरों से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 4.3 रही और इसका केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था।
नेपाल के बाद इंडोनेशिया के दक्षिणी सुमात्रा क्षेत्र में भी 23 मई को भूकंप के झटकों ने लोगों को नींद से जगा दिया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.9 दर्ज की गई, जोकि एक मध्यम श्रेणी का भूकंप माना जाता है। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज के मुताबिक, इसका केंद्र भी जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के तेज कंपन से घबराए लोग घरों से बाहर निकल आए, लेकिन अब तक किसी तरह की क्षति की खबर सामने नहीं आई है।
इतना ही नहीं, ताजिकिस्तान में भी धरती कांपी। यहां भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई। लगातार तीन देशों में भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत का माहौल बन गया, लेकिन सौभाग्यवश कहीं से भी किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।
भूकंप भले ही मध्यम श्रेणी के रहे हों, लेकिन ये घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि प्राकृतिक आपदाएं कब और कहां दस्तक देंगी, यह पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समय में सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया ही सुरक्षा की सबसे बड़ी कुंजी है।
सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
भविष्य की तैयारी, आज की सुरक्षा – भूकंप जैसी आपदाओं के लिए सजग रहें।