चेन्नई।
तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने एक बार फिर हाथ मिला लिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार शाम चेन्नई में इस गठबंधन की आधिकारिक घोषणा की, जिससे राज्य की राजनीति में नई हलचल मच गई है।
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, “तमिलनाडु की जनता अब विकास चाहती है, वंशवाद नहीं। BJP और AIADMK का यह गठबंधन राज्य को एक नई दिशा देगा। अब तमिलनाडु में परिवर्तन की लहर तय है।”
इस मौके पर AIADMK के कई वरिष्ठ नेता भी मंच पर मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक, सीटों के बंटवारे को लेकर शुरुआती सहमति बन चुकी है और जल्द ही साझा चुनावी रणनीति की घोषणा की जाएगी। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह गठबंधन राज्य में भाजपा की पैठ को मजबूत करने की एक बड़ी रणनीति है।
गठबंधन की पृष्ठभूमि:
बीजेपी और AIADMK के बीच पहले भी गठबंधन रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में रिश्तों में खटास आ गई थी। हालांकि, दोनों दलों के लिए मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए एकजुट होना जरूरी हो गया था। राज्य में DMK की मजबूती के बीच यह गठबंधन विपक्ष के लिए एक बड़ा जवाब माना जा रहा है।

Bjp-aiadmk alliance Tamilnadu
जनता की प्रतिक्रिया:
सोशल मीडिया पर इस गठबंधन को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे ‘सामाजिक और राजनीतिक मजबूरी’ कह रहे हैं, तो कुछ इसे ‘तमिलनाडु की जनता के हित में एक सकारात्मक कदम’ मान रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय:
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गठबंधन तमिलनाडु की राजनीतिक तस्वीर को बदल सकता है, लेकिन चुनौती अभी भी बड़ी है। दोनों दलों को क्षेत्रीय समीकरणों, जातीय वोट बैंक और युवा मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति तैयार करनी होगी।
निष्कर्ष:
अब देखना यह होगा कि यह गठबंधन चुनावी मैदान में कितना असर दिखा पाता है। फिलहाल इतना तय है कि तमिलनाडु की राजनीति में एक बार फिर से बड़ा बदलाव दस्तक दे रहा है।