पटना, अप्रैल 2025:
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने 27,375 आशा कार्यकर्ताओं की बहाली की घोषणा की है। यह घोषणा मंगलवार को राज्य स्वास्थ्य समिति के साथ आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद की गई। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस पूरी चयन प्रक्रिया को तीन महीनों के अंदर पूरा किया जाए।


ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चयन प्रक्रिया का विभाजन:

  • ग्रामीण क्षेत्र:
    कुल 21,009 आशा कार्यकर्ताओं की बहाली की जाएगी। इनका चयन ग्राम सभा के माध्यम से किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय मुखिया को दी जाएगी।
  • शहरी क्षेत्र:
    कुल 5,316 आशा कार्यकर्ताओं की बहाली की जाएगी। इनके चयन में स्थानीय वार्ड पार्षदों की सहायता ली जाएगी।
  • इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि 1,050 आशा फैसिलिटेटरों (Asha Facilitators) की भी नियुक्ति की जाएगी जो आशा कार्यकर्ताओं के कार्यों की निगरानी और मार्गदर्शन करेंगे।

📢 चयन प्रक्रिया कब शुरू होगी?

स्वास्थ्य मंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि चयन प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू की जाएगी और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इसे निर्धारित समयसीमा (तीन महीने) के भीतर पूरा किया जाए।


📊 अब तक जारी हो चुके हैं 35,383 पदों के लिए विज्ञापन:

मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग में लगातार बहाली की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। अब तक 35,383 पदों के लिए विज्ञापन जारी किए जा चुके हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO)
  • विशेषज्ञ डॉक्टर
  • मेडिकल ऑफिसर
  • आयुष चिकित्सक

🏥 स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के अन्य निर्देश:

मंत्री ने बैठक में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की गहन समीक्षा की और निम्नलिखित दिशा-निर्देश दिए:

  • डायलिसिस, इमरजेंसी केयर, पैथोलॉजी जांच जैसी सेवाओं को और सुलभ बनाया जाए।
  • जिला, अनुमंडल अस्पतालों और क्रिटिकल केयर यूनिट में बेडों की संख्या बढ़ाई जाए।
  • आई हेल्थ फैसिलिटी को मजबूत किया जाए, विशेषकर अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत।
  • कोरोना काल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट्स की नियमित मेंटेनेंस प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
  • एम्बुलेंस सेवाओं की संख्या में भी वृद्धि हो ताकि मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।
  • ट्रॉमा सेंटरों की उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता की समीक्षा के निर्देश दिए गए।

🎯 निष्कर्ष:

बिहार सरकार का यह कदम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को ज़मीनी स्तर पर मज़बूत करने की दिशा में बड़ा प्रयास है। आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ मानी जाती हैं और इनकी बहाली से ग्रामीण महिलाओं, बच्चों और नवजातों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचेगा।


📍 महत्वपूर्ण जानकारी एक नजर में:

विवरणआंकड़े
कुल पद27,375
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए21,009
शहरी क्षेत्रों के लिए5,316
आशा फैसिलिटेटर1,050
चयन प्रक्रिया पूर्ण करने की समय सीमा3 महीने
चयन माध्यमग्राम सभा और वार्ड पार्षद के माध्यम से

By S GUPTA

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *