पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र आज पटना में महागठबंधन की एक बेहद अहम बैठक होने जा रही है। यह बैठक दोपहर 1 बजे राजद के प्रदेश कार्यालय में आयोजित होगी, जहां सभी घटक दलों के राज्य-स्तरीय नेता शामिल होंगे। नई दिल्ली में कांग्रेस और राजद के बीच हुई सकारात्मक वार्ता के बाद यह बैठक राजनीतिक रूप से काफी अहम मानी जा रही है।
दिल्ली से पटना तक बनी सियासी लय
नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव की बैठक बेहद सकारात्मक रही। कांग्रेस ने भले ही मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी कुछ नहीं कहा हो, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया है कि विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
पटना बैठक का एजेंडा
पटना में आज की बैठक में मुख्य फोकस सीट शेयरिंग, चुनावी रणनीति और जन मुद्दों को लेकर संयुक्त अभियान चलाने पर होगा। घटक दलों के नेता न सिर्फ अपनी-अपनी सीटों को लेकर मंथन करेंगे, बल्कि एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम को लेकर भी चर्चा की संभावना है।
बैठक में राजद की ओर से तेजस्वी यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, मनोज झा और संजय यादव की उपस्थिति तय मानी जा रही है। वहीं कांग्रेस से प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारु, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार और विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद भाग लेंगे।
वाम दलों और अन्य घटकों की भागीदारी
बैठक में माले, माकपा और भाकपा के प्रदेश सचिवों के साथ वरीय नेताओं की मौजूदगी रहेगी। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संरक्षक मुकेश सहनी तो शामिल होंगे ही, रालोजपा (पशुपति पारस गुट) की भी संभावित भागीदारी चर्चा में है।
कुल मिलाकर छह दल, लेकिन बढ़ सकती है संख्या
फिलहाल महागठबंधन में छह दल – राजद, कांग्रेस, वीआईपी, भाकपा, माकपा और माले – शामिल हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक कुछ और छोटे दल भी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं, जिससे सीट शेयरिंग को लेकर समीकरण और जटिल हो सकते हैं।
निष्कर्ष
पटना की यह बैठक आने वाले चुनाव के लिए एक नींव का काम करेगी। क्या महागठबंधन एकमत होकर आगे बढ़ेगा या सीटों के फेर में उलझेगा, इसका प्रारंभिक संकेत आज मिल सकता है।