बिहार की राजनीति एक बार फिर चुनावी मोड़ पर है। संभावनाएं हैं कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा सितंबर के पहले सप्ताह में हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, निर्वाचन आयोग राज्य की सभी 243 सीटों पर तीन चरणों में मतदान कराने की योजना पर काम कर रहा है। चुनाव की प्रक्रिया नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी, क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
चुनाव के साथ ही आचार संहिता भी लागू कर दी जाएगी और सभी राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता का पालन अनिवार्य होगा।
आयोग की तैयारियाँ: बूथों की पहचान और प्रशिक्षण शुरू
इस बार आयोग की तैयारी पहले से कहीं अधिक व्यापक और टेक्नोलॉजी-समर्थित है। राज्य के प्रत्येक बूथ की भौगोलिक स्थिति, नागरिक सुविधाएं, मतदान दर और अन्य जरूरी जानकारियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। सभी बूथों की डिजिटल मैपिंग और भौगोलिक जानकारी को अपडेट किया जा रहा है।
इसके अलावा, पहली बार 280 बीएलओ (Booth Level Officers) को दिल्ली में विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके।
30 जिलाधिकारियों की कार्यशाला
30 अप्रैल को पटना में राज्य के सभी जिलाधिकारियों की एक वर्कशॉप आयोजित की जाएगी, जिसमें चुनावी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। इसमें भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारी, बिहार के मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
2020 और 2015 के चुनावों की तुलना
2020 के चुनाव तीन चरणों में हुए थे, जिसमें कुल 7.34 करोड़ मतदाताओं ने भाग लिया। वहीं 2015 में भी तीन चरणों में मतदान हुआ था, जिसमें कुल 6.68 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे।
महत्वपूर्ण तिथियाँ और तथ्य
चुनाव की घोषणा: संभावित रूप से सितंबर के पहले सप्ताह में
मतदान चरण: कुल तीन चरण
विधानसभा का कार्यकाल समाप्त: 29 नवंबर 2025
जिलाधिकारियों की बैठक: 30 अप्रैल 2025
बीएलओ ट्रेनिंग: पहली बार दिल्ली में
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है। निर्वाचन आयोग पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ तैयारी में जुटा है। बूथों की भौगोलिक पहचान, डिजिटल मॉनिटरिंग और पहली बार दिल्ली में ट्रेनिंग जैसे कदम इस चुनाव को अत्याधुनिक और निष्पक्ष बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।