
पटना/गुवाहाटी. बिहार और असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बन गयी है. करीब 37 लाख की आबादी इसकी वजह से प्रभावित हुई है. बिहार में पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और खगड़िया बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं. पूर्व मध्य रेल के समस्तीपुर रेल मंडल के सुगौली-मझौलिया स्टेशनों के बीच रेल पुल संख्या-248 पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है. वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सह मीडिया प्रभारी सरस्वती चंद्र ने शनिवार को बताया कि नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि से रेल पुल संख्या-248 पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. उन्होंने बताया कि पानी के भारी दबाव को देखते हुए शुक्रवार की रात से ट्रेनों का परिचालन अगले आदेश तक बंद कर दिया गया. इस बीच राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में तीन स्थानों पर तटबंध टूटने से जान-माल की कोई क्षति नहीं होने का दावा करते हुए कहा कि पूर्वी चंपारण में गंडक नदी के चंपारण तटबंध पर एक विशाल पेड़ के उखड़ जाने से तटबंध का दायां भाग टूटा है. श्री झा ने शुक्रवार को इन स्थलों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि पूर्वी चंपारण में संग्रामपुर प्रखंड की दक्षिणी भवानीपुर पंचायत के निहालुटोला गांव में गंडक नदी के चंपारण तटबंध पर एक विशाल पेड़ के उखड़ जाने से तटबंध का दायां भाग टूट गया है. हालांकि जांच के बाद इसके स्पष्ट कारण का पता चल पायेगा. उन्होंने कहा कि पूर्वी चंपारण में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य में लगे कार्यपालक अभियंता के फोन नहीं उठाने की शिकायत पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
नदियों के उफान पर रहने के चलते हजारों लोगों ने ऊंचे स्थानों पर शरण ली है. 24 घंटे के दौरान चंपारण, दरभंगा व गोपालगंज में छह बांधों के टूटने से स्थिति और बिगड़ गयी है. गोपालगंज के डुमरियाघाट में अर्द्धनिर्मित पुल का एप्रोच ध्वस्त होता दिख रहा है, जिसका असर दिल्ली-गुवाहाटी और काठमांडू को जोड़ने वाले एनएच 28 फोर लेन के पुराने पुल पर भी पड़ सकता है. चंपारण में दो और दरभंगा में दो बांधों के टूटने से कई गांवों में पानी फैल गया है उधर, असम के 33 जिलों में 27 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बारपेटा, कोकराझार और मोरिगांव से मौत के मामले सामने आये हैं. बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य में अब तक 122 लोगों की मौत हुई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से बात की और राज्य के प्रभावित लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट की. उन्होंने राष्ट्रपति भवन से असम, बिहार और उत्तरप्रदेश के बाढ़ और कोविड-19 से प्रभावित लोगों के लिए रेड क्रॉस की राहत सामग्री ले जा रहे नौ ट्रकों को रवाना किया.

मौसम विभाग ने बताया कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार में 26-28 जुलाई के बीच और पंजाब तथा हरियाणा में 27-29 जुलाई के बीच भारी बारिश का अनुमान है.
