बगहा. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर बराज से मंगलवार को छोड़े गये साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी से उफनी गंडक नदी की बाढ़ का पानी जिले के करीब 70 गांवों में फैल गया है. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे क्षेत्र में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया. नदी के तटवर्ती ठकराहा, भितहा, मधुबनी और पिपरासी प्रखंडों के दियारा से घिरे निचले इलाकों में बसे करीब सत्तर गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. प्रशासन निचले इलाकों में बसे इन सभी बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने में मदद कर रहा है. गंडक नदी के किनारे स्थित अति महत्वपूर्ण पिपरा पिपरासी तटबंध के कई स्थानों पर पानी का भारी दबाव बना हुआ है. इस तटबंध के भितहा रिटायर्ड लाइन पर 32.38 पॉइंट पर गंडक नदी का भारी दबाव कायम है. यहां जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की टीम लगातार चौकसी बरत रही है. बाढ़ के कारण वाल्मीकि नगर के झंडा टोला स्थित सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 21वीं बटालियन कैंप में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से जवानों को काफी कठिनाई हो रही है. वाल्मीकि नगर हवाई अड्डा में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. दूसरी ओर गंडक की विभीषिका के चलते बगहा नगर के गंडक के तटवर्ती कई मुहल्लों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. वहीं, चखनी ग्राम के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 727 बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे भारी वाहनों का आवागमन ठप पड़ गया है. वहीं, जिले के उत्तरी क्षेत्र में पहाड़ी नदियां मसान, भलुई, सिंगा, कापर, रघीया ने भारी तबाही मचा रखी है. कई स्थानों पर ग्रामीण सड़कें कट गयी हैं और पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो गये हैं. बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए बगहा में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम तैनात हो गयी है और संबंधित अंचलाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार चौकसी बरत रहे हैं.
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