नयी दिल्ली
पूर्व राष्ट्रपति व भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया. वह देश के 13वें राष्ट्रपति रहे. मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुआ था. लंबे वक्त तक कांग्रेस से जुड़े रहे प्रणब दा वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रपति पद पर काबिज रहे. उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है. श्री कोविंद ने ट्वीटर पर अपने संदेश में कहा, “पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा. उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है. श्री प्रणव मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं.” राष्ट्रपति ने कहा, “भारत के प्रथम नागरिक के रूप में उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने का सजग प्रयास किया. उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए. राष्ट्रपति के लिए ‘महामहिम’ शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा, “उनके निधन से पूरा भारत दुखी है और उन्होंने राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है. वह उत्कृष्ट विद्वान, एक राजनीतिज्ञ, राजनीति और समाज के सभी वर्गों में प्रशंसित रहे. दशकों के राजनीतिक जीवन के दौरान श्री मुखर्जी ने प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मंत्रालयों में लंबे समय तक योगदान दिया. वह एक उत्कृष्ट सांसद थे, जो बेहद मुखर थे और मजाकिया स्वभाव के भी थे.”
सोनिया, मनमोहन, राहुल ने निधन पर जताया शोक
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी तथा प्रियंका वाड्रा समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त किया है. श्रीमती गांधी ने श्री प्रणब मुखर्जी की पुत्री तथा कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी को भेजे एक शोक संदेश में कहा, “श्री मुखर्जी ने अपने पांच दशक से अधिक के अपने राजनीतिक जीवन में देश तथा कांग्रेस को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनके साथ काम करने का मेरा लंबा अनुभव है और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है. कांग्रेस को आगे बढ़ाने में उन्होंने जो योगदान दिया है, उसको पार्टी हमेशा याद रखेगी. उन्होंने कहा कि श्री मुखर्जी ने देश के विकास में निरंतर काम किया है और वह आजीवन राष्ट्रीय हितों में जुड़े रहे. वह ज्ञान, अनुभव और सूझबूझ भरे व्यक्तित्व के धनी थे और उनकी समझ तथा सलाह में हर संकट का समाधान था और उनकी गैरमौजूदगी मे यह हमेशा खलता रहेगा.” कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, “पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की दुर्भाग्यपूर्ण खबर मिली. मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और दुख की इस घड़ी पर शोक संतप्त परिवार के सदस्यों और उनके मित्रों के प्रति गहरी संवेदना.” पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, “उन्होंने और मैंने भारत सरकार में बहुत नजदीकी के साथ काम किया. उनकी विशाल बुद्धिमता, असाधारण ज्ञान और सार्वजनिक कार्यो के उनके अनुभव पर मैं निर्भर था. दुख की इस घड़ी में मैं उनके परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “पूर्व राष्ट्रपति का निधन पूरे देश के लिए एक अपूर्णीय क्षति है. प्रणब दा पूरे कांग्रेस परिवार का मार्गदर्शन करने वाले अभिभावक एवं एक कुशल राजनेता थे. विनम्र श्रद्धांजलि. ईश्वर इस दुख की घड़ी में उनके परिजनों को दुख सहने का साहस दें.” राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने देश तथा खुद के लिए बड़ी क्षति बतायी.