अंकिता चतुर्वेदी, धनबाद से
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो अपने कार्यकलापों से अक्सर चर्चा में रहते हैं. ऐसा भी नहीं कि चर्चा में बने रहने को वह कोई ऊल-जुलूल व्यवहार करते हैं, बल्कि यह उनकी स्वाभाविक प्रवृत्ति का हिस्सा मात्र होता है. श्री महतो के करीबी और विरोधी भी यह बात मानते हैं. अपनी व्यस्त राजनीतिक पारी से समय निकाल कर जगरनाथ महतो को खेती-किसानी के मौसम में हल-बैल चलाते देखा जा सकता है. यही नहीं, गिरिडीह जिले की डुमरी विधान सभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक श्री महतो लाव-लश्कर के साथ मशरूम के ‘लालच’ में जंगलों की खाक छानते भी दिख जाते हैं. यह आदमीयत की पहचान हो सकती है और एक ‘विशेष’ शख्स का सामान्य रूप भी. 53 बसंत देख चुके 10वीं पास जगरनाथ महतो तब चर्चा में आये थे, जब हेमंत सोरेन ने अपने मंत्रिमंडल में उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलवाई. विरोधियों ने जगरनाथ महतो के कम पढ़े-लिखे होने पर सवाल करना शुरू किया. विभागों का बंटवारा हुआ और श्री महतो को शिक्षा मंत्रालय का दायित्व मिला तो विरोधी हमलावर हो गये. श्री महतो को विरोधियों की यह बात चुभ गयी. उन्होंने सोमवार को इंटर में नामांकन करा कर उनकी शैक्षणिक योग्यता पर ऊंगली उठाने वालों को करारा जवाब दिया.
शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाने वाले विरोधियों को जगरनाथ महतो ने करारा जवाब दिया है
शिक्षा मंत्री ने बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड स्थित देवी महतो स्मारक इंटर कॉलेज में अपना एडमिशन कराया. चंद्रपुरा प्रखंड के नेहरू उच्च विद्यालय तेलो से 28 साल की उम्र में साल 1995 में मैट्रिक करनेवाले जगरनाथ महतो लगभग 25 साल के बाद एकबार फिर बच्चों संग बैठ कर अध्ययन करेंगे. श्री महतो ने ट्वीट कर कहा, ‘स्वयं में सुधार करके शुरुआत कर रहा हूं. मैट्रिक पास करने के बाद परिस्थितियों ने मुझे शिक्षा से दूर किया था… आज उसी दूरी को पाटने की अभिलाषा ने प्रेरित किया है. इंटरमीडिएट की शिक्षा हेतु मैंने अपना नामांकन देवी महतो इंटर कॉलेज नावाडीह में कराया है.’
कला संकाय से भरा नामांकन फॉर्म
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो 11वीं की पढ़ाई आर्ट्स संकाय से करेंगे. जब श्री महतो देवी महतो स्मारक इंटर कॉलेज नामांकन कराने पहुंचे तो वहां सबकी जुबान पर सिर्फ उन्हीं के चर्चे थे. प्राचार्य दिनेश प्रसाद वर्णवाल ने स्वयं एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की. हम सारा काम देखते हुए सब कुछ करेंगे. कॉलेज के इस नये छात्र ने राजनीति और पढ़ाई के सवाल पर कहा, ‘क्लास में भी करूंगा व और मंत्रालय भी संभालूंगा.’ सामंजस्य बनाने की बात पर वह बोले, ‘न विधान सभा छूटेगी और न ही क्लास छूटने दूंगा. कृषि कार्य भी करूंगा. मैं चाहता हूं कि मेरा काम देखकर अन्य लोग भी प्रेरित हों.’
शिक्षा के महत्व पर क्या बोला यह छात्र
छात्र जीवन पर जगरनाथ महतो ने कहा, ‘शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती. जब नौकरियों में रहते हुए लोग आईएएस-आईपीएस की तैयारी करते हैं और सफल भी होते हैं, तो फिर मैं क्यों नहीं कर सकता.’ शिक्षा मंत्री ने अपने अंदाज में कहा, ‘यह उनके लिए संदेश भी होगा, जो किसी कारणवश बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं. साथ ही आलोचकों को मेरी ओर से यह जवाब भी है.’