शाहिद तांत्रे और प्रभजीत सिंह. फोटो साभार : कारवां मैगजीन
  • नयी दिल्ली/एजेंसी

सांप्रदायिक तनाव से जुड़ी घटना कवर करने गये थे सभी

दिल्ली के उत्तरी घोंडा के सुभाष मुहल्ला में भीड़ ने कारवां मैगजीन के तीन पत्रकारों पर हमला बोल दिया. घटना मंगलवार की है. ये लोग बीते फरवरी महीने में हुए दिल्ली दंगों से जुड़ी स्टोरी कवर करने गये थे. कारवां मैगजीन के अनुसार, तकरीबन दो घंटे तक शाहिद तांत्रे, प्रभजीत सिंह और कारवां की एक महिला पत्रकार हमलावरों से घिरे रहे. उन्हें सांप्रदायिक गालियां दी गयीं. हत्या करने की धमकी देने के साथ हिंसात्मक रुख अख्तियार किया गया. मैगजीन के अनुसार, जब ये पत्रकार इलाके में लगे एक पक्ष विशेष के झंडों की तस्वीरें ले रहे थे, तब कुछ लोग उनके पास जमा होकर तस्वीर लेने से रोकने लगे. वहां मौजूद एक आदमी, जो खुद को बीजेपी का महासचिव बता रहा था, उसने तांत्रे से परिचय पत्र मांगा. इसके कुछ देर के बाद उन लोगों ने हमला कर दिया. जब महिला पत्रकार वहां से भागने लगीं तो एक अधेड़ उम्र का आदमी उनके सामने पैंट उतार कर नंगा हो गया. भीड़ ने उस महिला पत्रकार पर भी हमला कर दिया.

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कहा जा रहा है कि दिल्ली दंगे की शिकार एक महिला शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि बीते आठ अगस्त की रात में भजनपुरा पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों ने उन्हें और उनकी 17 साल की बेटी को पीटा और यौन उत्पीड़न किया. जानकारी मिलने पर कारवां मैगजीन के ये तीनों पत्रकार वहां रिपोर्टिंग करने पहुंचे थे. हमला दोपहर दो बजे के आसपास हुआ. कारवां के अनुसार, स्थानीय आदमी और महिलाओं की भीड़ ने पत्रकारों को घेर लिया और पहचान करने के बाद हमला कर दिया. हमले से बचने के लिए महिला पत्रकार गली के एक गेट में घुस गयी, लेकिन भीड़ ने उसे बंद कर लिया और दोनों पत्रकार अंदर कैद हो गये. महिला पत्रकार ने हमला करने वालों से मिन्नतें की कि उनके साथियों को जाने दें लेकिन एक आदमी, जिसके बाल जवानों जैसे थे और हाथों में राखियां बंधी हुई थीं, उसने महिला के कपड़े पकड़कर गेट के अंदर खींचने की कोशिश की. महिला पत्रकार वहां से निकल कर पड़ोस की एक गली में भागीं, लेकिन जब वह एक जगह रुक कर सांस लेने लगीं तो लड़कों ने उन्हें घेर लिया और महिला पत्रकार की तस्वीरें खींचने लगे और वीडियो बनाने लगे और उन पर भद्दी टिप्पणियां कीं. महिला पत्रकार ने अपनी आपबीती पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में बतायी है.

कारवां मैगजीन की रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला पत्रकार ने अपनी शिकायत में लिखा है, “जैसे ही मैं वहां से निकलने लगी, एक अधेड़ उम्र का आदमी, जिसने धोती और टीशर्ट पहन रखी थी और उसके गंजे सिर पर एक चोटी थी, वह मेरे सामने आकर खड़ा हो गया. उस आदमी ने अपनी धोती खोली और अपने गुप्तांग दिखाने लगा. वह आपत्तिजनक और अश्लील इशारे करने लगा और मुझ पर हंसने लगा.” उस आदमी से बचकर भागते समय महिला पत्रकार को तांत्रे का फोन आया और तांत्रे ने उनसे भजनपुरा पुलिस स्टेशन पहुंचने को कहा. उस वक्त तक पुलिस तांत्रे और सिंह को पुलिस स्टेशन ले जा चुकी थी. जब वह महिला पत्रकार लोगों से पुलिस स्टेशन का रास्ता पूछ रही थीं तब भीड़ ने उन्हें फिर घेर लिया और पिटाई करने लगी. (फोटाे साभार : कारवां मैगजीन)

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