रांची

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कोरोना की आड़ में मरीजों का शोषण करने वाले निजी अस्पतालों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है. हेमंत कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सोमवार को स्पष्ट लहजे में कहा है कि मरीजों का शोषण करने वाले निजी अस्पतालों के लाइसेंस रद्द कर दिये जायेंगे. श्री गुप्ता ने कहा कि निजी अस्पताल प्रबंधन ध्यान दें कि यह विपदा का समय है और इस समय कोरोना की आड़ में मरीजों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. सरकार इस पर नजर रख रही है. यदि सुधार नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी. एक ट्वीट कर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार जांच का दायरा बढ़ाने का हरसंभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित चार जिलों रांची, धनबाद, जमशेदपुर और पलामू में अभियान चलाकर दो दिनों में 40 हजार टेस्ट करने का लक्ष्य रखा गया है. वहां की आने वाली रिपोर्ट के आधार पर अन्य जिलों में भी ऐसा ही अभियान चलाया जायेगा.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में जितने मरीजों की मौतें हुई हैं, उनमें अधिकतर मल्टीपल ऑर्गन फैल्योर की वजह से हुई हैं. ऐसे बहुत कम मरीज हैं, जिनकी मौत का कारण कोरोना बना है. एसिंप्टोमेटिक मरीजों के होम आइसोलेशन के सवाल पर बन्ना गुप्ता ने कहा कि चूंकि संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए कोशिश की जा रही है कि एसिंप्टोमेटिक मरीजों को होम आइसोलेशन में ही रखा जाये. यहां तक कि माइल्ड लक्षण वाले मरीजों को भी होम आइसोलेशन में ही रखने की कोशिश की जा रही है. वैसे मरीज, जिनके घर में आइसोलेशन की सुविधा नहीं होगी, उन्हें सरकारी स्तर पर दूसरी जगहों पर रखा जायेगा.

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