पटना से राहुल कुमार
‘बिहार में का बा, कोरोना से बीमार बा, बाढ़ से बदहाल बा… भरी जवानी में मंगरूवा चलत ठेगुरवा चाल बा. अरे का बा… बिहार में का बा… 15 साल चचा रहलन, 15 साल पप्पा, तबो ना मिटल बेरोजगारी का ठप्पा. जब-जब सइयां होले मोर अरब के रवाना, तब-तब जियरा खोजे एहो इहां कारखाना… बोलअ का बा…’
हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता मनोज वाजपेयी का एक भोजपुरी रैप काफी चर्चा में आया था. उसके शब्द थे- मुंबई में का बा? भोजपुरी भाषा में लिखा गया यह गीत सोशल मीडिया में काफी ट्रेंड हुआ. लोगों ने काफी पसंद किया गया. कुछ लोगों ने इसे काॅपी कर अपने तरीके से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत किया. बिहार चुनाव की घोषणा से ठीक पहले एक और भोजपुरी गीत वायरल हुआ, जिसके बोल थे- बिहार में का बा? देखते-ही-देखते यह गाना समूचे बिहार ही नहीं, वरन भोजपुरी पट्टी में गाया और सुना जाने लगा. गाने की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर भी हो रही है. ‘बिहार में का बा’ गीत को गानेवाली नेहा सिंह राठौर रातों-रात सोशल मीडिया की सुपर स्टार बन गयीं. बिहार में कैमूर के रामगढ़ अंतर्गत जलदहां की रहनेवाली नेहा काे भी नहीं पता था कि उनका यह गाना बिहार की सत्ताधारी पार्टियों के नेताओं के लिए सिरदर्द बन जायेगा. आज गाने के बोल बोलकर या गुनगुनाकर विपक्षी पार्टियां और असंतुष्ट जनता सवाल कर रही हैं- बिहार में का बा.
बहरहाल, इसके बाद भी नेहा सिंह राठौर के कई गीत आ चुके हैं, जो सुने और देखे जा रहे हैं. शनिवार को नेहा ने ननद-भाैजाई के हंसी-ठिठोली वाले रिश्ते को केंद्र में रख कर एक नया गीत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाला, जिसे उनके चाहने वाले काफी पसंद कर रहे हैं. गीत पूरी तरह नॉ पॉलिटिकल है. शायद चुनावों की गंभीरता को देख नेहा ने अबकी राजनेताओं को बख्शने का पूरा मन बना लिया है.
नेहा कहती हैं, ‘ननद भाभी के बारे में बता रही है. भाभी ने मोर को जन्म दिया है और उनके रहन-सहन का वर्णन किया है कि कैसे उन्होंने भैया को परेशान कर दिया है एकदम. ये भाभी-ननद का लोकगीत है. शादी और गोद-भराई पर गाया जाता है.