22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देशभर में गहरा आक्रोश है। पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। इसी माहौल में कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयान पार्टी के लिए मुश्किल का कारण बन गए हैं।
रॉबर्ट वाड्रा का बयान
कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि,
“देश में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच गहरी खाई बनती जा रही है। आतंकवादी इस विभाजन का फायदा उठाकर नफरत फैला रहे हैं।”
उनके इस बयान को राष्ट्रहित के खिलाफ बताते हुए बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।
मणिशंकर अय्यर का बयान
पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने एक किताब विमोचन के दौरान कहा,
“आज भी हम बंटवारे के अनसुलझे सवालों के साथ जीने को मजबूर हैं। पहलगाम हमला भी उसी दर्दनाक इतिहास का परिणाम है।”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या आज भारत में मुसलमान खुद को सुरक्षित और सम्मानित महसूस करते हैं?
सिद्धारमैया का बयान
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा,
“प्रधानमंत्री मोदी को सर्वदलीय बैठक में उपस्थित रहना चाहिए था, न कि बिहार चुनाव प्रचार में व्यस्त होना चाहिए था। युद्ध की जरूरत नहीं, बल्कि सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है।”
कांग्रेस के बयानों पर उठे सवाल
विशेषज्ञ मानते हैं कि इन बयानों की टाइमिंग बेहद गलत रही। जब पूरा देश पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई की मांग कर रहा है, उस समय इस तरह के बयान कांग्रेस की देशभक्ति छवि को नुकसान पहुंचाते हैं।
चाहे बात वाड्रा के हिंदू-मुस्लिम विभाजन के जिक्र की हो या अय्यर द्वारा बंटवारे का जख्म कुरेदने की — जनता के गुस्से के बीच ये बातें गलत संदेश भेज रही हैं।
बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी ने मौके का लाभ उठाते हुए कांग्रेस पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा मुश्किल समय में भी राष्ट्रहित से ऊपर राजनीति को तरजीह देती है।
पहले भी उरी हमला और बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय कांग्रेस के नेताओं की बयानबाजी ने उसे भारी राजनीतिक नुकसान पहुँचाया था। इस बार भी पहलगाम हमले के बाद बीजेपी को राष्ट्रवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने का सुनहरा अवसर मिल गया है।