अब बच्चों को नहीं झेलनी पड़ेगी शौचालय, बेंच और बिजली की परेशानी
बिहार सरकार ने राज्य के स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। अब स्कूलों की जरूरतों और समस्याओं की रिपोर्ट खुद प्रधानाध्यापक ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इसका उद्देश्य है कि जमीनी स्तर की वास्तविक समस्याओं का सही आकलन हो सके और समय पर संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।
प्रधानाध्यापक करेंगे स्कूलों का सर्वे
इस नई व्यवस्था के तहत प्रत्येक प्रधानाध्यापक को अपने विद्यालय की इमारत, शौचालय, बिजली, बेंच-डेस्क, बाउंड्री वॉल जैसी सभी सुविधाओं की स्थिति का सर्वे करना होगा और उसकी रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाएगा और रिपोर्ट को BSEIDC (बिहार राज्य शैक्षिक आधारभूत संरचना विकास निगम) को भेजा जाएगा, जो आवश्यकता के अनुसार संसाधन उपलब्ध कराएगा।
पारदर्शिता के लिए दोहरी जांच व्यवस्था
सरकार ने व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए जिला और राज्य स्तर पर निरीक्षण रिपोर्ट का मिलान करने का प्रावधान रखा है। अगर किसी स्कूल द्वारा भ्रामक या गलत जानकारी दी जाती है, तो संबंधित प्रधानाध्यापक या पदाधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा व्यवस्था में आएगी गति
इस नई प्रणाली से शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि भागलपुर सहित पूरे बिहार के स्कूलों की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ किया जा सकेगा। इससे बच्चों को बेहतर शिक्षा वातावरण मिलेगा और उनके सीखने की प्रक्रिया में भी सुधार आएगा।