नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का बृहस्पतिवार को निधन हो गया. उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. लोक जनशक्ति पार्टी के 74 वर्षीय संरक्षक पासवान का कुछ दिन पहले एक अस्पताल में हृदय का ऑपरेशन हुआ था. वह पांच दशक से अधिक समय से सक्रिय राजनीति में थे और देश के जाने-माने दलित नेताओं में से एक थे. पासवान उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री थे. चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा- ‘‘पापा… अब आप इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है, आप जहां भी हैं, हमेशा मेरे साथ हैं. आपकी बहुत याद आ रही है पापा.” रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 को खगड़िया के सुदूर देहात शहरबन्नी में हुआ था. पिता जामुन पासवान की तीन संतानों में रामविलास सबसे बड़े थे. उसके बाद पशुपतिनाथ पारस और रामचंद्र पासवान. पिता ने तीनों भाइयों को काफी गरीबी में पाला था, लेकिन रामविलास शुरू से ही जुझारु थे. उन्होंने शहरबन्नी से स्कूली पढ़ाई करने के बाद एमए और एलएलबी किया. रामविलास पासवान लंबे समय से बीमार चल रहे थे. मिलनसार स्वभाव के पासवान हर सियासी खांचे में फिट बैठ जाते थे. यही वजह है कि उन्होंने देश के छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया. कहा जाता है कि रामविलास राजनीति के मौसम वैज्ञानिक थे. सियासी मौसम का रुख वह पहले ही भांप लेते थे.

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