शैलेश शुक्ला, गोरखपुर से

कुख्यात अपराधी विकास दुबे शुक्रवार की सुबह कानपुर के भौती इलाके में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. विकास कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी था. उसे गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था. विकास के मारे जाने के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष के अलावा सोशल मीडिया पर भी लोग पुलिस और सरकार से सवाल कर रहे हैं. ऐसे कई लोग हैं, जिनका कहना है कि विकास के एनकाउंटर की पटकथा गुरुवार को ही तैयार कर ली गयी थी. सवाल उठना इसलिए भी लाजमी है क्योंकि विकास सफारी गाड़ी में सवार हुआ था, लेकिन दुर्घटना किसी और गाड़ी की हुई. उसके एनकाउंटर में मारे जाने की आशंका के चलते ही सुप्रीम कोर्ट में कल एक याचिका भी दायर की गयी थी. सोशल मीडिया पर लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि विकास दुबे की मौत के साथ ही अपराध जगत में उसे सरंक्षण देने वालों क्या बच नहीं जायेंगे? ऐसे लोगों का पता कैसे चलेगा? बहरहाल, एक तबका ऐसा भी है, जो पुलिसिया कार्रवाई का समर्थन कर रहा है. सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो पुलिस मुठभेड़ का खुल कर समर्थन कर रहे हैं. उनका कहना है कि विकास जैसे बेरहम और क्रूर अपराधी की माैत जरूरी थी. आरोप-प्रत्यारोप के बीच यूपी पुलिस विकास दुबे के मारे जाने से राहत की सांस ली है.

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कैसे मारा गया विकास दुबे

कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि तेज बारिश हो रही थी. पुलिस ने गाड़ी तेज भगाने की कोशिश की, जिससे वह डिवाइडर से टकराकर पलट गयी. उसमें बैठे पुलिसकर्मी घायल हो गये. मौके का फायदा उठाकर विकास एक जवान की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की और कुछ दूर भाग भी गया. इसी दौरान पीछे से एस्कार्ट कर रहे एसटीएफ के जवानों ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की. विकास ने एसटीएफ पर गोली चला दी, जिसके जवाब में जवानों ने भी गोली चलायी. वह घायल होकर गिर पड़ा. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. दुर्घटना कानपुर के भौती इलाके में हुई. इससे पहले कानपुर के एडीजी जेएन सिंह ने बताया था कि पुलिस और एसटीएफ की गाड़ियां विकास को उज्जैन से लेकर आ रही थीं, तभी एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. उसमें बैठे विकास दुबे ने भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस मुठभेड़ हुई और वह घायल हो गया. श्री सिंह का कहना था कि हादसे के बाद विकास दुबे ने एक एसटीएफ जवान की पिस्तौल छीन ली और भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उसे घेर लिया और दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में वह घायल हो गया. विकास को तुरंत हैलट अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस दुर्घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सरकार पर बोला हमला 

विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत पर सवाल खड़े करते हुए विपक्ष ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए ट्वीट कर कहा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचायी गयी है.

उधर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने ट्वीट कर कहा कि जिसका था अंदेशा, वही हो गया. कानपुर कांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे अगर मुंह खोलता तो कई बड़े नेता और अफसर नहीं रहते अपना मुंह खोलने लायक! कोई तो बड़ा शख़्स है इसके पीछे, जो नहीं चाहता था कि विकास दुबे मजिस्ट्रेट के सामने सच्चाई बताता. उससे पहले बंद कर दी गयी वो जुबान.

कानून व्यवस्था के मामले में यूपी सरकार के खिलाफ इन दिनों काफी मुखर दिख रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी कथित मुठभेड़ पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

वहीं बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में घटना की जांच कराने की मांग की है. गैंगेस्टर विकास पर 60 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज थे. उसकी मौत के साथ कई अहम राज उसके सीने में ही दफन हो गये हैं.

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By RK

2 thoughts on “गैंगेस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर क्यों उठ रहे सवाल”

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